Udte Khyal

Friday, 1 October 2021

गुल और बुलबुल

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मैं प्रेम था उसके मंदिर का, वो इश्क़ थी मेरी दरगाह की।  ना जात पात ना धरम काज वो खूबसूरत सी दुनिया थी। न पता दिखा न नाम सुना, हम दोनों खो गए ...
Wednesday, 15 July 2020

अभी तक है

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मेरे माथे पर तुम्हारे होंठों का स्वाद अभी तक है, तुम्हारी हर छोटी नादानियाँ मुझे याद अभी तक है। अभी तक है तुम्हारे होने का एहसास इस दिल मे...
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Wednesday, 17 June 2020

तुम्हारी नज़रें

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कुछ हर्फ़ टूट गए कहानी से, जैसे बचपन छोड़ गए जवानी से। अब जो उनके लबों को छू लूँ तो क़रार मिले, अब ये प्यास नही बुझनी पानी से। बस काफ़ी है ज...
Tuesday, 16 June 2020

उड़ते ख़्याल

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उदासी ने कुछ यूँ मुस्कुराकर देखा, मानो पहली मोहब्बत ने शर्माकर देखा। किसी ख़ता का बोझ उठाये लगते हैं, मेरे शाद ने जब मुझे घबराकर देखा। कै...

तुम्हारा ख़्याल

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मेरी आँखों में तुम्हारे आने का इंतेज़ार आज भी है, इस दिल में तुम्हारे हिस्से का प्यार आज भी है। सारा मकान टूट गया है धीरे-धीरे, बस तुम्हार...
Thursday, 28 May 2020

सोचा न था

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सोचा न था, कि हम तुम कभी ऐसे भी मिला करेंगे इन दूरियों में पास होने की दुआ करेंगे, सोचा न था। तुम्हारे सिरहाने हमेशा आंखें खोली मैंने, ...

तेरे ख़त

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कोई देख न ले ये हाल, मैं ये तेरे ख़त छुपा देता हूँ, कोई झाँक रहा है खिड़की से, मैं ये चिराग़ बुझा देता हूँ। रातभर अँधेरे से कई बाजियाँ खेली म...
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  • Vikas Goswami
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