Wednesday, 6 May 2015

शिक्षक

                           

अंधेरों में भटकते बच्चों के लिए,
जो ज्ञान की लॉ जलाते हैं।
उलझे हुए रास्तों में से,
सही राह दिखाते है।
बच्चों का भविष्य बनाते जो,
वही शिक्षक कहलाते है।

खेल-खेल में सिखाते है,
वो ज्ञान की बात बताते है।
हंसी-मज़ाक भी करते है,
कभी गंभीर हो जाते है।
कभी बच्चों की बात सुने,
कभी अपने किस्से सुनाते है।
बच्चों का भविष्य बनाते जो,
वही शिक्षक कहलाते है।

कभी पिता बनकर समझाते हैं,
कभी दोस्ती में मौज उड़ाते है।
कभी बच्चों में बच्चे बन जाते हैं,
कभी गुस्से में फटकार लगाते हैं।
हर डाँट में अपना प्यार छुपाते हैं,
तो कभी दूसरों की डाँट से बचाते है।
बच्चों का भविष्य बनाते जो,
वही शिक्षक कहलाते है।

इनकी आँखों से,
सपने हम बुन  जाते है।
प्यार भरे साथ से इनके,
कुछ सच भी हो जाते हैं।
इस अनमोल जीवन में हमारे,
ये एहम किरदार निभाते हैं,
सपनों के महल को हमारे,
ज्ञान के फूलों से सजाते है।
जो बच्चों का भविष्य बनाते हैं,
वही शिक्षक कहलाते है॥ 

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