उनके लौट आने की अभी इमकान बाक़ी थी,
मेरी रूह में अभी जान बाक़ी थी।
यूँ तो कई दफ़ा मिला हूँ आईने में उस शक़्स से,
फिर भी हम दोनों की अभी पहचान बाक़ी थी।
मुश्क़िलें जो थी वो तो कब की पार हो गई,
मुश्क़िलें जो हैं वो अभी आसान बाक़ी थी।
पंख जो थे कभी वो हैं अभी भी वहीं,
बस और कुछ नही अभी उड़ान बाक़ी थी।।