Wednesday, 25 July 2018

इमकान

उनके लौट आने की अभी इमकान बाक़ी थी,
मेरी रूह में अभी जान बाक़ी थी।

यूँ तो कई दफ़ा मिला हूँ आईने में उस शक़्स से,
फिर भी हम दोनों की अभी पहचान बाक़ी थी।

मुश्क़िलें जो थी वो तो कब की पार हो गई,
मुश्क़िलें जो हैं वो अभी आसान बाक़ी थी।

पंख जो थे कभी वो हैं अभी भी वहीं,
बस और कुछ नही अभी उड़ान बाक़ी थी।।

Saturday, 14 July 2018

हालात-ए-दिल

आसमान को सागर भिगोते देखा,
आज मैंने बादल को रोते देखा।

कैसे मिल जाते हैं दो लोग अजनबी,
हमने तो अपनी क़िस्मत को हमेशा सोते देखा।

कितनी आसानी से लोग दिल से उतार देते हैं,
हमने खुद को ये बोझ हमेशा ढ़ोते देखा।

कौन है वो जो दिल में नफ़रत भरते हैं,
हमने तो सिर्फ़ प्यार को बोते देखा।

ढूंढ़ लेते हैं लोग जीने की आरज़ू,
हमने ख़ुद में से ख़ुद को खोते देखा।।

Wednesday, 11 July 2018

एक लड़की है

तेरे आग़ोश में अब मैं पिघलने लगा हूँ,
मत रोक मुझे, अब मैं संभलने लगा हूँ।

सिकुड़े रहते थे जो होंठ कभी, अब हँसते हैं,
तेरी मोहब्बत में अब मैं बदलने लगा हूँ।

बड़े ही ग़फ़लत से दिल को तक़सीम किये बैठे थे,
तेरी बदमस्त आदाओं के चलते अब मैं ढ़लने लगा हूँ।

मेरी आँखों में रूह कहीं ठंडी पड़ चुकी थी,
तेरे देखने से अब मैं जलने लगा हूँ।

जहाँ रुका हुआ था जहाँ सारा,
ख़ुद की उँगली पकड़ अब मैं चलने लगा हूँ।।