Sunday, 7 January 2018

पत्र

मानता हूं कि तुम दुनिया की
सबसे अच्छी लड़की नहीं हो,
मगर तुमसे अच्छी बहन
और कोई हो नहीं सकती थी।

मानता हूं कि तुम समझती हो कि
तुम बहुत समझदार हो गई हो,
मगर मेरे लिए तुम वहीं
नादान लड़की हो।

मानता हूं कि तुम्हे लगता है कि
तुम अब बड़ी हो गई हो,
मगर मुझे तुम अब भी वही
आंगन में उड़ती नन्ही तितली लगती हो।

ऐसा नहीं है कि मुझे विश्वास नहीं
तुम्हारी आकांक्षाओं का मुझे आभास नहीं,
हर साल एक कदम तुम बढ़ ही रही हो
दुनिया की हर बात पढ़ ही रही हो।

मगर वो क्या है ना तुम चाहे
कितनी बड़ी हो जाओ,
मगर मेरे लिए तुम वहीं
नन्ही परी रहोगी।

बस आज इतनी ही बात कहता हूं
बाकि तुम पर निर्भर रहता हूं,
हंसो गाओ मुस्कुराओ
आज तुम्हारा दिन है।।

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