जब भी वो मुझे देखती है तो ऐसा लगता है,
जैसे रात देखती है चाँद को,
जैसे भँवरा देखता है फूल को,
जैसे मछली देखती है पानी को,
जैसे तुम देखती हो मुझे।
जब भी तुम मुस्कुराती हो मुझे देखकर तो ऐसा लगता है,
जैसे धरती मुस्कराती है बादल देखकर,
जैसे बच्चे मुस्कुराते है बारिश देखकर,
जैसे पंछी मुस्कुराते है हवा देखकर,
जैसे तुम मुस्कुराती हो मुझे देखकर।
जब तुम्हारा हाथ मेरे हाथ को छूता है तो ऐसा लगता है,
जैसे ओस ने छू लिया हो पत्तों को,
जैसे पानी ने छू लिया हो किनारों को,
जैसे छाँव ने छू लिया हो किरणों को,
जैसे तुम्हारे हाथ ने छू लिया हो मेरे हाथ को।
जब भी तुम मेरा इंतेज़ार करती हो तो ऐसा लगता है,
जैसे हरियल इंतेज़ार करता है पहली बारिश का,
जैसे अंकुर इंतेज़ार करता है थोड़ी सी नमी का,
जैसे सूरज इंतेज़ार करता है सुबह का,
जैसे तुम इंतेज़ार करती हो मेरा।
और जब तुम मुझे इतना प्यार करती हो तो ऐसा लगता है
जैसे रोशनी करती है जीवन से,
जैसे दिल करता है धड़कनों से,
जैसे आँसू करते है आँखों से,
जैसे तुम करती हो मुझसे।।